सबसे पहले, एक ऐसा माहौल बनाएं जो आपको पूरी तरह से आराम दे। कमरे की रोशनी और गरमी को ऐसा रखें कि आपको सुकून मिले। ध्यान भटकाने वाली चीज़ें हटा दें। नरम बिस्तर लगाएं और नारियल या कोको तेल जैसे मालिश के तेल को तैयार रखें।
अपने शरीर और मन को पूरी तरह रीलैक्स फ़ील करें
शुरू में अपने पूरे जिस्म को आराम देने पर ध्यान दें। गहरी सांस लेने की कोशिश करें जिससे बदन में ताकत बढ़े।
- आसपास के हिस्सों से शुरू करें: पहले पेट के निचले हिस्से की मालिश करने की प्रक्रिया करें। इसमें न केवल पेट का निचला हिस्सा शामिल होता है बल्कि रानों की भी मालिश करें। साथ ही, गुदा और अंडकोष के बीच के हिस्से की भी मालिश करें ताकि यह क्षेत्र पूरी तरह से कवर हो जाए। यह सुनिश्चित करता है कि सभी प्रमुख क्षेत्रों को आराम मिलता है और आपको बेहतर महसूस होता है। पूरे प्रक्रिया को धीरे-धीरे करें ताकि मांसपेशियों को पूर्णता से आराम मिल सके। धीरे-धीरे मालिश करने से रक्त संचार में भी सुधार होता है।
- लिंग की मालिश: दोनों हाथों का उपयोग करते हुए, धीरे-धीरे लिंग को मलें। इसे सहलाने और पकड़ने के तरीके को समय-समय पर बदलते रहें ताकि नया अनुभव प्राप्त हो सके। कभी सीधे ऊपर-नीचे की दिशा में मलें और कभी गोल-गोल घुमाते हुए मलें। यह ध्यान दें कि अलग-अलग रफ्तार और दबाव का उपयोग करें, क्योंकि यह अनुभव को और भी अधिक आनंददायक बना सकता है। जब आप रफ्तार बदलते हैं, तो देखें कि कौनसी रफ्तार सबसे अधिक सुखद अनुभव देती है और उसे अपनाएं। दबाव को भी हल्का और तेज करने का प्रयास करें ताकि विविधता का एहसास हो। इस विविध अनुभव में आराम और आनंद को बढ़ाने के लिए, हाथों की हरकतों को तालमेल से मिलाते रहें और महसूस करें कि कौनसी तकनीक सबसे बेहतर काम करती है।
- लिंग के टोप और नीचे के हिस्से पर ध्यान दें: ये बहुत नाज़ुक जगहें हैं, जिनका खास ख्याल रखना चाहिए। अत्यंत सावधानी से और कोमलता से सहलाएं। यह महत्वपूर्ण है कि आप धीरे-धीरे, एक लय में, इन हिस्सों पर ध्यान दें। इस प्रक्रिया में जल्दबाजी करने के बजाय, समय लेकर हल्के और मृदु स्पर्श से काम लें ताकि नाज़ुकता बनी रहे। इस प्रक्रिया में धैर्य और संजीदगी का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि यह संवेदनशीलता का मामला है।
- अंडकोष और उसके नीचे के क्षेत्र की कोमल मालिश करना लाभदायक हो सकता है – जैसे कि आप अपने प्यारे पालतू हम्स्टर को सहला रहे हों! इन संवेदनशील अंगों को बहुत नरमी से और धीरे-धीरे सहलाएं, मानो आप किसी नाजुक गुब्बारे को फूटने से बचा रहे हों। यह क्रिया शरीर में ऐसी सुखद अनुभूति पैदा कर सकती है, जैसे आपके पेट में हजारों तितलियाँ उड़ रही हों। इस तरह की मालिश से पूरे शरीर में एक आनंददायक संवेदना महसूस हो सकती है, मानो आप गुदगुदी के समुद्र में तैर रहे हों, जो तनाव को कम करने में मदद कर सकती है। याद रखें कि यह एक नाज़ुक क्षेत्र है, इसलिए सावधानी और संयम बरतना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि एक रोबोट सर्जन के लिए अपने हाथों को स्थिर रखना!
आगे की तकनीकें
- वीर्यपात को नियंत्रित करना सीखें: इसका मतलब है कि जल्दबाजी न करें और धैर्य रखें। गहरी और लंबी सांस लेकर अपने मन को शांत करें। अपने विचारों को यौन क्रिया से हटाकर शरीर के अन्य भागों पर ध्यान केंद्रित करें। इस तरह आप पूरे शरीर में आनंद का अनुभव कर सकते हैं। यह तकनीक आपको संभोग का लंबा और सुखद अनुभव प्रदान करेगी। अपने पूरे शरीर को महसूस करें और हर क्षण का आनंद लें।
- बार-बार रुकें और अपने आनंद को बढ़ाएं: खुद को चरम सुख के करीब लाएं और फिर रुक जाएं। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं। धीरे-धीरे अपने शरीर को उत्तेजित करें और फिर शांत करें। यह तकनीक आपके अनुभव को और भी गहरा बनाएगी। इस तरह से आप अपने संवेदनाओं को बढ़ा सकते हैं और अंतिम क्षण को और भी अधिक आनंददायक बना सकते हैं। इससे आखिर में ज्यादा मज़ा आएगा और आपका अनुभव अधिक तीव्र और संतोषजनक होगा।
मालिश के लिए एक अच्छा लुब्रीकेंट चुने
उपयुक्त लुब्रीकेंट का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप सही प्रकार का लुब्रीकेंट चुनकर लिंग की मालिश करते हैं, तो मालिश का अनुभव काफी बेहतर हो सकता है। विभिन्न प्रकार के लुब्रीकेंट में से, वाटर बेस्ड लुब्रीकेंट की गाढ़ता और बनावट अन्य विकल्पों की तुलना में बेहतर होती है। इसका उपयोग करने से मालिश का एहसास अधिक सुखद और आनंददायक हो जाता है। वाटर बेस्ड लुब्रीकेंट तेल की तुलना में त्वचा पर बेहतर महसूस होता है और इसका उपयोग करने से मज़ा भी ज़्यादा आता है।
सिलिकॉन आधारित लुब्रीकेंट भी एक अच्छा विकल्प है। यह भी वाटर बेस्ड लुब्रीकेंट की तरह अच्छा प्रदर्शन करता है और लंबे समय तक प्रभावी रहता है। हालांकि, तेल का उपयोग करने से कुछ समस्याएं हो सकती हैं। तेल के उपयोग से लिंग पर अधिक रगड़ लगने की संभावना बढ़ जाती है। यह रगड़ मालिश के दौरान असुविधा पैदा कर सकती है और आनंद में बाधा डाल सकती है। इसलिए तेल का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और यदि संभव हो तो वाटर बेस्ड या सिलिकॉन आधारित लुब्रीकेंट का उपयोग करना बेहतर रहता है।
दिमागी और जज़्बाती जुड़ाव
- तांत्रिक तरीके अपनाएं: अपने पूरे जिस्म पर ध्यान दें। सोचें कि आपके बदन में ताकत बह रही है।
- गहरी सांस लें: मालिश करते वक्त गहरी और लयबद्ध सांस लें। इससे आराम मिलेगा और पूरे जिस्म में मज़ा आएगा।